यमराज एक कुटिलतापूर्ण चालबाजी
यमराज दिमागी फितूर है , कोई यमराज नहीं है , केवल यमराज को जन्म दिया गया इस लिए ताकि उसका भय दिखा कर आम जनता का शोषण किया जा सके, जिस प्रकार मेरा एक विचार है उसी प्रकार यमराज भी एक विचार है, मेरा विचार नया है, उनका पुराना है, पुराना होने से सब मानते हैं, कल मेरे विचारों को भी लोग मानने लगेंगे, समस्या ये थी की तब कुछ मुट्ठी भर लोगो ने अपने पास लिखने पढ़ने का अधिकार ले रखा था और एक बहुत बड़ी आबादी को इससे महरूम कर रखा था, ये मुट्ठी भर लोग जो बोलते थे , उसे लोग मानते थे, आज ऐसा नहीं है, महान अंग्रजो ने दुनिया को लोकतंत्र दिया, जो भारत में भी आया, हर आदमी के हाथ में कलम आ गयी, अब गपोड़ कल्पनाओं के लिए कोई जगह नहीं है, अब हर बात का तर्क पूर्ण उत्तर देना ही होगा, अब शोषण नहीं चलेगा.
अगर यमराज हैं तो वो मुसलमानों को लेने क्यों नहीं आते ? वो ईसाईयों को लेने क्यों नहीं आते ? क्यों बुद्ध ने इससे इनकार कर दिया ? क्यों जैनी नहीं मानते की कोई यमराज उन्हें लेने आयेगा ? अगर यमराज शाश्वत हैं तो पूरी मानव जाति को उससे डरना चाहिए, लेकिन यमराज से मुसलमान , ईसाई , बुध , जैनी , यहूदी क्यों नहीं डरते ? क्या यमराज के पास हिन्दुओ का ठेका हैं ?
इस बात को समझा जाना चाहिए की शोषण हमेशा भय पैदा कर के किया जा सकता है , भगवान का भय वो अंतिम भय है जिससे इंसान डरता है , मुफ्त की मक्खन और मलाई खाने के लिए और लोगो को मूर्ख बना कर पैसा लूटने के लिए ब्राह्मणों द्वारा चली गयी एक कुटिल चाल भर थी यमराज , इससे जादा कुछ भी नहीं. अगर वास्तव में यमराज हैं तो उससे सिद्ध किया जाना चाहिए, जहाँ तक पुरानी किताबों की बात की जा रही है की उसमे तो लिखा है की यमराज होते हैं , तो मेरा ये लेख जब ५०० साल पुराना हो जायेगा तो लोग ये मानेंगे की यमराज नहीं होते.
एक और महत्वपूर्ण बात की इंसान सबसे जादा मृत्यु से डरता है , अब चूंकि यमराज हैं , और वो मौत की माफ़ी दे सकते हैं , और उनसे माफ़ी कोई ,ब्राह्मण करवा सकता है, और इसके लिए उस ब्राह्मण को खुश करना आवश्यक होगा, उसे गाये देनी पड़ेगी , मिष्ठान और स्वर्ण मुद्राएँ से प्रसन्न करना पड़ेगा, तो यम्र्राज़ का जन्म लेना आवश्यक हो ही जायेगा, और तब यमराज को जन्म लेंगे ही.
*रानी चौधरी*