आखिर ब्राह्मणों ने क्यों दिया यमराज कों जन्म ?
जब भी महिलाओ कों सबसे बेहतर उपाधि देनी होती है तो कहा जाता है की पूरी सती सावित्री है ,मानो स्त्री का अच्छा या बुरा सब कुछ पुरुष पर ही आधारित है , क्या कहने. और जिस स्त्री का नाम लिया जाता है उत्तम चरित्र के लिए उसके पीछे असली कहानी आखिर क्या है?
मद्र देश के राजा अश्वपति की कन्या सावित्री के जन्म के समय जो कुंडली तैयार की गयी थी उसमे कुछ महान ज्योतिषियों ने कहा था की जो भी पुरुष इस स्त्री से विवाह करेगा उसकी मृत्यु 1 वर्ष के अंदर हो जायेगी. जब ये बात शाल्व देश में द्युमत्सेन के पुत्र सत्यवान ने सुनी तो ज्योतिषियों की इस बात का विरोध करने के लिए उसने सावित्री से विवाह कर लिया, और जैसा की होना ही था राजा की मृत्यु कई वर्षों तक ना हुई , अब ऐसे में ज्योतिष कों अपने कहे हुए कों बचाना आवश्यक हो गया था, लोगो का ज्योतिष पर से विश्वास उठ रहा था, तब ब्राह्मणों द्वारा एक कहानी गढ़ी गयी और एक मृत्यु के देवता कों जन्म दिया गया जिसका नाम यमराज था, ये यमराज किसी के भी प्राण हर सकता था या वापस कर सकता था, ये दिखने में भयंकर था और भैसें की सवारी करता था, जाहिर है मृत्यु का देवता तो मृत्यु की तरह ही डरावना होना चाहिए, तो इस कहानी के पात्र के चरित्र निर्माण में बड़ी मेहनत की गयी,.
कहानी के मुताबिक यमराज ने 1 वर्ष के अंदर ही सावित्री के पति की जान ले ली थी जैसा की ज्योतिषियों ने बताया था , लेकिन सावित्री अपने सतीत्व से यम्र्राज़ के हाथो से अपने पति के प्राण बचा लायी , इस प्रकार ब्राह्मणों द्वारा एक तीर से दो शिकार किये गये, पहला तो ये की जो बात उन्होंने कही थी की सावित्री के पति की मृत्यु 1 वर्ष के अंदर हो जायगी , उस बात कों बचाने में सफल रहे , दूसरा स्त्री का जीवन उसके पति कों समर्पित रहे, वो उसकी चरण वंदना करती रहे , सती बने रहे तो उसमे इतनी शक्ति उत्पन्न हो जाती है की वो यम्र्राज़ से भी जीत सकती है.
यम्र्राज़ कौन ? ब्राह्मणों की कहानी का एक पात्र, क्या कहने कुटिलता के ? वाह ! .
*रानी चौधरी*