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क्या रावण और बाली की हत्या राम का एक कायरतापूर्ण कार्य था ? - रानी चौधरी


क्या रावण और बाली की हत्या राम का एक कायरतापूर्ण कार्य था ?

. मैंने जब भी कभी दंगा फसाद या ऐसा कुछ होते देखा है या सुना है तो एक नारा बड़ा आम है “ जय श्री राम “ . मुझे जय श्री राम बोलने के पीछे का तर्क आज तक नहीं समझ आया , राम ऐसे कोई बहुत वीर भी नहीं थे, मेरी नज़र से देखा जाये तो बहुत डरपोक थे, एक स्त्री के सौंदर्य से ऐसे डरे की अपने भाई कों कह दिया की इसको बद्सूरत बना दो, कहीं ऐसा ना हो की उनका एक पत्नी व्रत टूट जाये, और इस भय में एक नारी के साथ हिंसा कर बैठे.

. खुद की शक्तियों पर उनको पूर्ण विश्वास नहीं था , बाली की हत्या छुप कर की , अब आप तर्क चाहें जो दे लें, कितना भी सही ठहरा लें श्री राम के काम कों , लेकिन थी तो वो कायरता पूर्ण हत्या ही. सुग्रीव कों अपने साथ मिलाया ये लालच दे कर की की तुम्हे तम्हारे भाई का राज्य मिलेगा, विभीषण कों कों मिलाया अपनी तरफ की तुम्हे भी तुम्हारे भाई का राज्य मिलेगा. रावण की हत्या धोखे से , रावण का दोष क्या था? की वह अपनी बहन के मुह पर तेज़ाब फेंकने वाले से बदला लेना चाहता था? रावण में इतनी नैतिकता तो थी की उसने राम की पत्नी सीता के नाक कान नहीं काटे. आप खुद निर्णय लीजिए की किसमे जादा नैतिकता थी.

. रावण पर ये आरोप लगाया गया की वो अपने छोटे भाई की पत्नी पर गन्दी नज़र रखता था , और ठीक यही आरोप लगाया गया बाली पर भी की वो अपने छोटे भाई की पत्नी पर गन्दी नजर रखता था. क्या अदभुत संयोग है, और खास बात की दोनों कों ही राम ने धोखे से मारा ,दोनों कों ही राज्य के लालची उनके भाइयों ने मरवाया. खास बात ये है की राम के चरित्र पर ये दाग ना लगे की उन्होंने कायरता से रावण और बाली की हत्या की थी , इस लिए ये कहानी गढ़ी गयी की दोनों अपने छोटे भाइयो की पत्नियों पर गन्दी नज़र रखते थे , और शास्त्रों में ऐसे आदमी की हत्या कों धार्मिक हत्या करार दिया गया है जिसे वध कहते हैं ,और वध करने के लिए कोई भी तरीका अपनाया जाये सब क्षम्य है . इस प्रकार राम कों कायरतापूर्ण हत्या के दोष से बड़े ही चतुराई पूर्ण तरीके से बचा लिया गया . ध्यान देने वाली बात ये है की हत्या जब धार्मिक होती है तो वो हत्या नहीं वध कहलाती है , इसी लिए ये कहा जाता है की राम ने रावण और बाली का वध किया , ना की हत्या .. ... क्या समझ आया आपको? कभी विचार किया इस पर?

*रानी चौधरी *